“डॉ.सुरत्ना सिंह चौहान पर आरोप, जबलपुर में रहकर नरसिंहपुर कार्यालय संचालन, राजनीतिक संरक्षण में भ्रष्टाचार, और सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का मामला।”

नरसिंहपुर: आयुष अधिकारी पर लगे गंभीर आरोपों की जांच की मांग

जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान पर गंभीर आरोप
स्थान: नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश
तारीख: 23 मई 2025
रिपोर्टर: विनय श्रीवास्तव
नरसिंहपुर जिले की जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान पर एक के बाद एक गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, कार्यालय में अनुपस्थिति, और राजनीतिक संरक्षण के चलते कार्रवाई से बचने जैसे आरोप शामिल हैं।
जबलपुर में रहकर नरसिंहपुर कार्यालय संचालन
स्थानीय कर्मचारियों और नागरिकों का कहना है कि डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान सप्ताह में केवल दो-तीन दिन ही नरसिंहपुर कार्यालय आती हैं और शेष समय जबलपुर में रहकर वहीं से कार्यालय संचालन करती हैं। यह न केवल विभागीय अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि शासन-प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश भी मानी जा रही है।
क्या है जबलपुर की ड्यूटी का सच?
डॉ. चौहान का दावा है कि उन्हें जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हालांकि, संभागीय आयुष अधिकारी डॉ. बिंदु ध्रुव ने स्पष्ट किया है कि डॉ. चौहान को जबलपुर में किसी भी प्रकार की अधिकृत तैनाती नहीं दी गई है। इससे यह आशंका और गहरी होती जा रही है कि विभागीय स्तर पर या तो भ्रम फैलाया गया है, या फिर जानबूझकर गलत सूचना दी गई है।
शिकायत और बदले की कार्रवाई
पत्रकार विनय श्रीवास्तव ने डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान के विरुद्ध दस्तावेजों और ठोस साक्ष्यों के साथ सीएम हेल्पलाइन में कई बार शिकायतें दर्ज कराईं। उन्होंने विभागीय अनियमितताओं, कार्यालय में अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार को उजागर किया। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
इसके विपरीत, डॉ. चौहान ने विनय श्रीवास्तव पर ₹35,000 की मांग का आरोप लगाते हुए यह भी शिकायत दर्ज कराई कि उनके खिलाफ लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुँच रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग और स्थानीय पुलिस में शिकायतें कीं, लेकिन उन्होंने अपने इन आरोपों के समर्थन में अब तक कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। यह कार्रवाई प्रतिशोध की भावना से प्रेरित प्रतीत होती है।
इतना ही नहीं, इन शिकायतों की प्रतियां विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और नरसिंहपुर कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को भी सौंपी जा चुकी हैं। फिर भी डॉ. चौहान के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
राजनीतिक संरक्षण का आरोप
डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान अक्सर राजनीतिक नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें दिखाकर यह संकेत देती हैं कि उन्हें उच्च स्तर से समर्थन प्राप्त है। यही कारण है कि उनके विरुद्ध दर्जनों शिकायतों के बावजूद अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।
स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला
इस मामले में जिस तरह पत्रकार के विरुद्ध प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की गई है, वह स्वतंत्र पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। प्रशासनिक अधिकारियों का इस प्रकार से जवाबदेही से बचना, लोकतंत्र के लिए भी खतरे की घंटी है।
जनता की अपेक्षाएं
स्थानीय जनता, जागरूक नागरिकों और पत्रकारों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की जाए। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो डॉ.सुरत्ना सिंह चौहान को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाए और विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार लाया जाए।
सीएम हेल्पलाइन राष्ट्रीय महिला आयोग SMP24 News विनय श्रीवास्तव