गन्ना अधिकारी अभिषेक दुबे और मिल मालिक गठजोड़ से किसान त्रस्त

नरसिंहपुर में गन्ना भुगतान में देरी का मामला गहराता जा रहा है। किसान ने CM हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन गन्ना अधिकारी पर मिल संचालक से मिलीभगत का आरोप है, जिसने कई किसानों का भुगतान रोक रखा है।
नरसिंहपुर: गन्ना भुगतान को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। धमन गांव के किसान नितेश पटेल के मामले में एक नया मोड़ आया है, जिसमें उनके भाई मुनिराज पटेल ने गन्ना अधिकारी अभिषेक दुबे और महाकौशल शुगर मिल के संचालक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुनिराज पटेल के अनुसार, उनके भाई नितेश पटेल ने जब गन्ना भुगतान में देरी की शिकायत CM हेल्पलाइन पर दर्ज कराई, तो गन्ना अधिकारी अभिषेक दुबे ने उन्हें बताया कि CM हेल्पलाइन के कारण ही उनका भुगतान रुका हुआ है। मुनिराज पटेल ने इस बयान को हास्यास्पद बताते हुए अधिकारी पर मिल संचालक का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाकौशल शुगर मिल के संचालक ने कई अन्य किसानों का भुगतान भी रोक रखा है, जिससे पूरे क्षेत्र में भारी असंतोष है। किसान अपनी मेहनत की कमाई के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं, जबकि अधिकारी और मिल संचालक कथित तौर पर मिलीभगत कर किसानों का शोषण कर रहे हैं।
यह मामला CM हेल्पलाइन की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। यदि अधिकारी किसानों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और उन्हें गुमराह करते हैं, तो किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कहां जाएंगे? किसानों का कहना है कि गन्ना अधिकारी अभिषेक दुबे लंबे समय से नरसिंहपुर में पदस्थ हैं और उन्होंने हमेशा मिल मालिकों का साथ दिया है। किसानों के हितों की रक्षा करने के बजाय, वे कथित तौर पर मिल मालिकों के इशारे पर काम करते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। यह घटना कृषि विभाग, गन्ना अधिकारियों और शुगर मिल संचालकों के गठजोड़ को उजागर करती है, जिसमें किसानों को सबसे अधिक नुकसान होता है। सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और किसानों को न्याय दिलाना चाहिए।
यह आवश्यक है कि:
इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
किसानों को उनकी उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
CM हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाया जाए।
किसानों के हितों की रक्षा करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाए और भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित किया जाए।