“जिला आयुष अधिकारी नरसिंहपुर सुरतान सिंह चौहान की हुई रवानगी, जबलपुर हुआ स्थानांतरण”

📰 नरसिंहपुर की जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान का तबादला जबलपुर, आदेश जारी 📰
नरसिंहपुर | 12 जून 2025 | SMP24 News विशेष रिपोर्ट
मध्यप्रदेश शासन के आयुष विभाग ने एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान का स्थानांतरण जबलपुर कर दिया है। यह आदेश 10 जून 2025 को भोपाल स्थित संचालनालय आयुष से जारी किया गया, जिस पर उप सचिव रंजना देवड़ा के हस्ताक्षर हैं।
यह तबादला ऐसे समय पर हुआ है जब डॉ. चौहान के कार्यकाल को लेकर विभिन्न मंचों पर सवाल उठते रहे। जिला कार्यालय की कार्यशैली, कर्मचारियों से संवाद और योजनाओं के क्रियान्वयन में आईं शिकायतें लगातार शासन तक पहुँचती रही हैं।
SMP24 News के प्रधान संपादक विनय श्रीवास्तव ने बीते एक वर्ष में इस प्रकरण को उजागर करते हुए लगातार रिपोर्टिंग की थी। उन्होंने समय-समय पर विभागीय अनियमितताओं, निरीक्षणों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करते हुए संबंधित अधिकारियों और मीडिया संस्थानों जैसे Times और Navsansar में रिपोर्ट्स प्रकाशित की थीं।
इन शिकायतों और रिपोर्ट्स की संज्ञान में लेने के बाद शासन ने संबंधित मामले की आंतरिक जांच की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें अनेक तथ्य सामने आए। यह तबादला उसी प्रक्रिया का एक परिणाम माना जा रहा है।
स्थानांतरण आदेश की प्रमुख बातें
- अधिकारी का नाम: डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान
- पूर्व पद: जिला आयुष अधिकारी, नरसिंहपुर
- नवीन पदस्थापना: जिला आयुष कार्यालय, जबलपुर
- आदेश दिनांक: 10 जून 2025
- स्थानांतरण नीति: आयुष स्थानांतरण नीति 2025 के अंतर्गत
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी को नवीन पदस्थ कार्यालय में योगदान देने के बाद ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। यह दिशा-निर्देश शासन की सख्त कार्यप्रणाली को दर्शाता है, जो अब अनुशासनहीनता पर शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रहा है।
प्रशासनिक निष्पक्षता और मीडिया की भूमिका
इस पूरे मामले में यह तथ्य उल्लेखनीय है कि शासन ने जनहित में प्राप्त शिकायतों और पत्रकारिता के माध्यम से आईं जानकारियों को गंभीरता से लिया। विनय श्रीवास्तव जैसे पत्रकारों की संवेदनशील रिपोर्टिंग और प्रमाणित शिकायतों ने इस कार्रवाई को संभव बनाया।
डॉ. चौहान अब जबलपुर में अपने नए दायित्वों का निर्वहन करेंगी, जहां उन्हें पहले से अधिक निगरानी और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। यह स्थानांतरण न केवल प्रशासनिक बदलाव है, बल्कि यह एक संकेत भी है कि शासन अब पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर अधिक सजग हो चुका है।