ड्राइवर से गोवंश को लगवाया गया बेहोशी का इंजेक्शन, उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में पशुधन संजीवनी योजना में गंभीर लापरवाही उजागर

ड्राइवर से गोवंश को लगाया गया बेहोशी का इंजेक्शन, उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में पशुधन संजीवनी योजना में गंभीर लापरवाही उजागर
नरसिंहपुर, 26 मई 2025
क्या है मामला?
नरसिंहपुर में आयोजित कृषि उद्योग समागम 2025 में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के आगमन से पहले नगर की सफाई के दौरान निराश्रित गोवंशों को हटाने की कार्रवाई में लापरवाही सामने आई है। ड्राइवर द्वारा गोवंश को बेहोशी का इंजेक्शन दिए जाने का मामला उजागर हुआ है।
इस आयोजन में पशुपालन विभाग द्वारा गौसंवर्धन योजना का प्रचार किया गया, लेकिन दूसरी ओर सड़क पर घूम रहे गोवंशों को अवैध रूप से इंजेक्शन देकर हटाया गया, जो विभाग की दोहरी नीति को दर्शाता है।
जिम्मेदार कौन?
- डॉ. सार्थक विश्वकर्मा (पशु चिकित्सा अधिकारी)
- आकाश अग्रवाल (AVFO)
- डॉ. अजगर खान (पशु उपसंचालक)
- गोपाल मेहरा (ड्राइवर) – जिसने इंजेक्शन लगाया
मौके पर डॉक्टर और AVFO की मौजूदगी के बावजूद ड्राइवर द्वारा इंजेक्शन लगाया गया, जो कि पशु चिकित्सा अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है।
वीडियो वायरल, जनता में रोष
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद स्थानीय नागरिकों और पशु प्रेमियों ने विरोध दर्ज करते हुए स्वतंत्र जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रमुख कारण और विरोध
- डॉक्टर और AVFO की मौजूदगी में ड्राइवर से इंजेक्शन लगवाना
- प्रशिक्षित गौ सेवकों की निष्क्रियता
- गोधन के साथ अमानवीय व्यवहार
- गौसंवर्धन के प्रचार के बीच गोवंश को बेहोश कर हटाना
जनता की मांगें
- घटना की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
- डॉक्टर, AVFO, उपसंचालक और ड्राइवर पर कार्रवाई हो।
- भविष्य में मानवीय और वैधानिक तरीके अपनाए जाएं।
- गौसंवर्धन नीति को केवल प्रदर्शन तक सीमित न रखा जाए।
निष्कर्ष
जहां एक ओर कृषि समागम 2025 जैविक खेती, महिला सशक्तिकरण और गौसंवर्धन का मंच बना, वहीं पशुपालन विभाग और प्रशासन की दोहरी नीति इस आयोजन को कटघरे में खड़ा कर रही है। यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता का विश्वास इन आयोजनों से उठ जाएगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
गोवंश को बेहोशी का इंजेक्शन क्यों दिया गया?
उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम से पहले नगर की सफाई के नाम पर निराश्रित गोवंशों को हटाने के लिए यह अमानवीय कदम उठाया गया।
क्या यह कानूनी है?
नहीं, बिना योग्य चिकित्सक की निगरानी के किसी भी पशु को इंजेक्शन देना पशु चिकित्सा अधिनियम का उल्लंघन है।
जनता की क्या मांगें हैं?
स्वतंत्र जांच, दोषियों पर कार्रवाई और भविष्य में मानवीय तरीके अपनाने की मांग की जा रही है।
पशु कल्याण संदेश
पशु अत्याचार किसी भी प्रकार का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कोई भी हो, यदि गोमाता को मानते हो, जय बोलते हो, तो सभी आगे आएं।
मानद पशु कल्याण प्रतिनिधि: भागीरथ तिवारी