नरसिंहपुर में वर्तमान जिला आयुष अधिकारी डॉ. सूर्यप्रकाश जोशी पर प्रशासनिक तानाशाही और भोपाल संचालनालय के आदेशों की अवहेलना के गंभीर आरोप।

📰 वर्तमान जिला आयुष अधिकारी डॉ. सूर्यप्रकाश जोशी की तानाशाही उजागर! भोपाल संचालनालय के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ
नरसिंहपुर, SMP24NEWS | विशेष संवाददाता
आयुक्त, संचालनालय आयुष भोपाल द्वारा दिनांक 15 जुलाई 2025 को वर्षा ऋतु में संक्रमण से बचाव और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
लेकिन नरसिंहपुर के वर्तमान प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ. सूर्यप्रकाश जोशी ने इन आदेशों को नज़रअंदाज़ करते हुए तानाशाही रवैया अपना लिया है।
📌 मुख्य आरोप
- ✅ शासन के निर्देशों की खुली अवहेलना
- ✅ आदिवासी व पिछड़े क्षेत्रों से स्टाफ हटाकर मुख्यालय में अटैचमेंट
- ✅ 50 बिस्तरीय आयुर्वेदिक अस्पताल बना कथित अवैध कमाई का केंद्र
🚨 ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं संकट में
भोपाल संचालनालय के पत्र के अनुसार वर्षाकाल में संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रत्येक औषधालय में स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य है। लेकिन डॉ. सूर्यप्रकाश जोशी द्वारा ऊसरी, खैरी और मुर्गाखेड़ा जैसे आदिवासी क्षेत्रों से स्टाफ हटाकर मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है:
- 📍 लोकमन धुर्वे (कंपाउंडर, ऊसरी)
- 📍 संजीव सोनी (कंपाउंडर, खैरी)
- 📍 दीपक कतिया (कंपाउंडर, मुर्गाखेड़ा)
इनकी गैरमौजूदगी से इन क्षेत्रों में इलाज का संकट उत्पन्न हो गया है।
💸 50 बिस्तरीय अस्पताल बना कमाई का केंद्र?
सूत्रों की मानें तो पूर्व जिला अधिकारी डॉ. सुरतना सिंह की ही तरह डॉ. जोशी पर भी कर्मचारियों से कथित तौर पर अटैचमेंट के बदले पैसे लेने के आरोप हैं। कहा जा रहा है कि 50 बिस्तरीय अस्पताल में “विश्वस्त कर्मचारियों” को मौखिक आदेशों के आधार पर पदस्थ कर अवैध लाभ उठाया जा रहा है।
📄 भोपाल संचालनालय के आदेश केवल कागज़ों तक?
दिनांक 15 जुलाई 2025 के संचालनालय पत्र में निम्नलिखित निर्देश दिए गए थे:
- 🔹 ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक/कंपाउंडर की उपस्थिति सुनिश्चित करें
- 🔹 चिकित्सकविहीन औषधालयों में प्राथमिकता से ड्यूटी लगाएं
- 🔹 स्वच्छ जल व पोषण पर जनजागरूकता अभियान चलाएं
- 🔹 वर्षा ऋतु में विशेष चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करें
❗ नरसिंहपुर में इन सभी निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है। अधिकांश कर्मचारी फील्ड से नदारद हैं, और जागरूकता अभियान केवल फाइलों तक सीमित हैं।
🔇 जिला प्रशासन की चुप्पी: मौन सहमति?
पूरे जिले में यह चर्चा का विषय है कि इतने स्पष्ट उल्लंघनों के बावजूद प्रशासन कोई कठोर कदम क्यों नहीं उठा रहा? क्या यह मौन स्वीकृति है या जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने की कोशिश?
📣 जनता का सवाल — क्या होगी कार्रवाई?
अब यह देखना शेष है कि शासन इस मामले में क्या कदम उठाता है —
✅ जांच होगी या ❌ मामला दबा दिया जाएगा?

