18/07/2025

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कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर द्वारा नरवाई जलाना – पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन

कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर द्वारा नरवाई जलाने की घटना की तस्वीर

नरसिंहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की भूमि पर जलाई गई नरवाई का दृश्य



कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर द्वारा नरवाई जलाना – पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन

प्रकाशित तिथि: 18 मई 2025 | स्थान: नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश

नरसिंहपुर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) पर पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी का गंभीर मामला सामने आया है। शिकायत के अनुसार, दिनांक 29 अप्रैल 2025 को केंद्र की भूमि पर गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेष, जिन्हें नरवाई कहा जाता है, को जला दिया गया।

शिकायतकर्ता को इस घटना की जानकारी 18 मई 2025 को प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने स्थल का निरीक्षण किया और पाया कि स्वयं कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों द्वारा ही यह कार्य किया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि 29 अप्रैल 2025 को शाम लगभग चार बजे से नरवाई जलाने की आग शुरू हुई, जो देर रात तक लगातार जलती रही। इससे आसपास के इलाके में धुआं फैल गया, जिससे लोगों को सांस लेने में गंभीर समस्या हुई। यह घटना कृषि विज्ञान केंद्र की जमीन पर हुई, जो पर्यावरण नियमों का गंभीर उल्लंघन है। शिकायतकर्ता ने इस मामले को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में रिपोर्ट किया है, ताकि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पर्यावरण संरक्षण के लिए तत्काल कदम आवश्यक हैं।

पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन

भारत सरकार के पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, नरवाई जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। इससे न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि इससे मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

जब आम किसानों को भी इस पर दंडित किया जाता है, तब एक शासकीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा ऐसा करना अत्यंत गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है।

प्रभाव और चिंता

इस प्रकार की घटना से शासन की नीतियों की साख पर प्रश्न उठते हैं। जो संस्थान किसानों को नियमों के पालन का प्रशिक्षण देते हैं, यदि वही नियमों का उल्लंघन करेंगे, तो इसका व्यापक असर समाज और पर्यावरण पर पड़ेगा।

नरवाई जलाने से उठने वाला धुआं वायु की गुणवत्ता को बेहद खराब करता है, जो सांस संबंधी रोगों को जन्म देता है। यह समस्या केवल खेतों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि आस-पास के आवासीय इलाकों तक भी फैलती है।

क्या कहते हैं कानून?

भारत सरकार ने पराली जलाना रोकने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जागरूकता अभियान, मशीनों की सहायता और दंडात्मक कार्रवाइयां।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस पर कई बार स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पराली या नरवाई जलाने पर जुर्माना और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

क्या है अगला कदम?

प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, किसानों और कृषि संस्थानों को पर्यावरण हितैषी विकल्पों की ओर प्रेरित किया जाए।

इस विषय में जनसामान्य और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण सुरक्षा को सर्वोपरि रखें।

विनय श्रीवास्तव, ने CM हेल्पलाइन पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है, जिससे प्रशासन को इसकी जानकारी मिल सके और कार्रवाई सुनिश्चित हो।


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