18/07/2025

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⚡ बिजली संकट पर कांग्रेस का अनोखा विरोध: MPEB ऑफिस के बाहर देंगे बिजना और लालटेन



⚡ बिजली संकट पर कांग्रेस का अनोखा विरोध: MPEB ऑफिस के बाहर देंगे बिजना और लालटेन

नरसिंहपुर, 2 जून 2025: जिले में गर्मी का पारा 44 डिग्री पार कर चुका है, लेकिन मध्य प्रदेश बिजली वितरण कंपनी (MPEB) अब भी सामान्य आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। इसी के विरोध में कांग्रेस, युवा कांग्रेस और NSUI ने सोमवार को एमपीईबी कार्यालय के सामने अनोखा विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है। वे बिजली विभाग के अधिकारियों को प्रतीकात्मक रूप से बिजना और लालटेन भेंट करेंगे, ताकि उनकी ‘जाग’ खुल सके।

🌡️ भीषण गर्मी, बिजली कटौती और जनता की पीड़ा

गर्मी के इन दिनों में बिजली का महत्व किसी जीवन रेखा से कम नहीं है। लेकिन नरसिंहपुर जिले के कई शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 6 से 10 घंटे की अनियमित कटौती से लोग परेशान हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई, व्यापारियों का काम और घरेलू गतिविधियाँ पूरी तरह प्रभावित हो रही हैं। जनता सवाल पूछ रही है — क्या प्रशासन किसी आपदा के इंतज़ार में है?

📌 विरोध स्थल और समय

  • स्थान: एमपीईबी कार्यालय, झिरना रोड, नरसिंहपुर
  • समय: दोपहर 12 बजे
  • आयोजक: कांग्रेस, युवा कांग्रेस, NSUI

कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर सरकार रोशनी नहीं दे सकती, तो वे जनता को खुद की रोशनी के लिए लालटेन देने जा रहे हैं। यह प्रदर्शन किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ बनकर हो रहा है।

🗣️ प्रशासन की नाकामी पर सवाल

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की जवाबदेही शून्य हो चुकी है। कई बार शिकायत के बाद भी लाइनमैन समय पर नहीं आते। अनेक गाँवों में ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं, लेकिन हफ्तों बाद भी मरम्मत नहीं होती।

NSUI नेता का कहना है, “एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, वहीं दूसरी ओर छात्रों को लालटेन की रौशनी में परीक्षा की तैयारी करनी पड़ रही है।”

🤔 क्या शासन जागेगा?

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि बिजली आपूर्ति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। आने वाले दिनों में ब्लॉक स्तर पर भी प्रदर्शन होंगे। सवाल यह है कि क्या शासन-प्रशासन इस प्रतीकात्मक विरोध को समझेगा, या जनता यूं ही अंधेरे में पसीना बहाती रहेगी?

फिलहाल, जनता को राहत देने की जिम्मेदारी पूरी तरह शासन और MPEB पर है। यदि समस्या बनी रही, तो यह मुद्दा आने वाले चुनावों में बड़ा असर डाल सकता है।


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