कुछ “कॉलोनाइज़रों के प्री-बुकिंग के कारण आम आदमी को मिल रहे महंगे प्लॉट

यह इमेज उस कॉलोनी की है जहाँ बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के प्लॉट बेचे जा रहे हैं।
आम आदमी को मिल रहे महंगे प्लॉट – वैध और अवैध कॉलोनाइज़र की प्री-बुकिंग चाल से लूट का खुला खेल!
कॉलोनी के नाम पर बेतहाशा लूट – प्री-बुकिंग के नाम पर ठगी
नरसिंहपुर जिले में जमीन के नाम पर एक बड़ा ठगी का खेल चल रहा है। यहां के कुछ वैध और अवैध कॉलोनाइज़र बिना रजिस्ट्री और नक्शे के ही पहले से अपने रिश्तेदारों, इन्वेस्टर्स और जान-पहचान वालों को प्लॉट बुक कर देते हैं। इन प्लॉट्स को बाद में रीसेल करके आम जनता से मोटा मुनाफा वसूल किया जाता है।
वैध और अवैध कॉलोनाइज़र – प्री-बुकिंग का खेल
कई वैध कॉलोनाइज़र, जो सरकारी मान्यता प्राप्त हैं, जानबूझकर पहले से प्लॉट बुक करके बाद में जनता को महंगे दामों पर बेचते हैं। इसके अलावा, कई अवैध कॉलोनाइज़र बिना अनुमति के कॉलोनियाँ काटते हैं और प्लॉट्स बेचते हैं, जिससे आम आदमी को कोई अधिकार नहीं मिलता और उसे ऊंचे दामों में प्लॉट खरीदने पर मजबूर किया जाता है।
👉https://www.rera.mp.gov.in/page/actsrules RERA एक्ट क्या है? पूरी जानकारी यहां पढ़ें
आम आदमी की मजबूरी – महंगे प्लॉट और सीमित विकल्प
इन कॉलोनाइज़रों की वजह से आम आदमी को महंगे प्लॉट खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। कॉलोनाइज़र पहले से बुक किए गए प्लॉट्स को रीसेल करने की योजना बनाते हैं और जब आम आदमी प्लॉट लेने जाता है, तो उसे महंगे दामों पर वही प्लॉट मिलते हैं।
प्रशासन और विभाग – मौन रहकर लूट को बढ़ावा दे रहे हैं
नगर पालिका और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग इस पूरे खेल को देखकर भी चुप हैं। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को इस प्री-बुकिंग रैकेट का पता नहीं? या वे जान-बूझकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं?
समाधान की आवश्यकता – आम आदमी को सुरक्षित संपत्ति खरीदने का अधिकार!
प्री-बुकिंग की पारदर्शी जांच हो।
वैध और अवैध कॉलोनियों की स्थिति सार्वजनिक की जाए।
सरकारी स्तर पर उचित कीमतों पर प्लॉट उपलब्ध कराए जाएं।
प्रॉपर्टी माफिया पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
निष्कर्ष – भ्रष्टाचार और ठगी का खेल समाप्त करना समय की आवश्यकता
नरसिंहपुर में भूमि के नाम पर चल रही यह लूट पूरी तरह से प्रशासन की निष्क्रियता का परिणाम है। अब समय आ चुका है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और इस खेल को खत्म करें ताकि आम आदमी को सही और सस्ती ज़मीन मिल सके।
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🏗️ RERA के अनुसार प्री-बुकिंग क्यों अवैध है?
📜 RERA अधिनियम की धारा 3(1):
“कोई भी प्रमोटर तब तक किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को विज्ञापित, बेच, या बुक नहीं कर सकता जब तक वह RERA में रजिस्टर्ड न हो।”
🔴 मतलब:
अगर कोई कॉलोनाइज़र या बिल्डर RERA में अपनी योजना को रजिस्टर्ड किए बिना ही प्लॉट्स, फ्लैट्स या घरों की बुकिंग कर रहा है, तो वह कानूनन अपराध कर रहा है।
❌ क्या है गैरकानूनी?
बिना RERA रजिस्ट्रेशन नंबर के प्रचार
बिना मंजूरी के प्री-बुकिंग या एडवांस पेमेंट लेना
ग्राहकों को झूठे वादे या नकली नक्शे दिखाना
🔨 जुर्माना और सजा:
RERA की धारा 59:
यदि कोई प्रमोटर बिना रजिस्ट्रेशन के प्रोजेक्ट लॉन्च करता है, तो उसे प्रोजेक्ट लागत का 10% तक जुर्माना और आगे की गलती पर 3 साल की जेल भी हो सकती है।
📢 आम आदमी को क्या करना चाहिए?
RERA वेबसाइट (जैसे https://rera.mp.gov.in) पर जाकर योजना का स्टेटस जांचें
बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के किसी भी योजना में पैसा न लगाएं
गलत प्रैक्टिस दिखे तो RERA अथॉरिटी में शिकायत दर्ज करें